नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक ऋण धोखाधड़ी के आरोपी और भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को अवमानना के मामले में चार महीने की जेल और 2000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही कहा कि जुर्माना नहीं भरने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी। इसके अलावा विजय माल्या को भी सख्ती से आदेश दिए गए कि विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर का भुगतान 4 सप्ताह में किया जाए।
जानकारी के मुताबिक यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में 3 जजों की बेंच ने दिया। इनमें जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया शामिल थे। आपको बता दें, माल्या ने न सिर्फ विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर को लेकर कोर्ट को गलत जानकारी दी है, बल्कि पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर कोर्ट की अवमानना को और आगे बढ़ा दिया है। माल्या को साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी ठहराया था।
कोर्ट ने दिया था पक्ष पेश करने का आखिरी मौका
सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को सुनवाई टालते हुए माल्या को अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया था। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि अगर दोषी अगली सुनवाई में पेश नहीं होता है या अपने वकील के जरिए अपना पक्ष पेश नहीं करता है तो कार्रवाई की जाएगी। सजा के संबंध में नहीं रोका जाएगा। वास्तव में, उन्हें डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी खातों में स्थानांतरित करने और सटीक संपत्ति विवरण प्रदान करने में विफल रहने के लिए अवमानना का दोषी ठहराया गया था।
ब्रिटेन में बैठा है विजय माल्या
बता दें, माल्या कुछ कानूनी हथकंडे अपनाकर यूनाइटेड किंगडम में बैठा हैं। उन्होंने वहां कुछ गुप्त कानूनी प्रक्रिया शुरू की है। जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन सरकार ने इस प्रक्रिया में न तो भारत सरकार को पक्षकार बनाया है और न ही इसकी जानकारी साझा की है। इसके चलते माल्या को अभी तक भारत नहीं लाया गया है।