मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग केस में शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संजय राउत पर महाराष्ट्र के 1034 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम उनके मुंबई स्थित आवास पर पहुंची। संजय राउत से 3 घंटे से पूछताछ जारी है। राउत के कमरे की भी तलाशी ली गई। टीम में करीब 10 से 12 अफसर हैं, इनमें से सात राउत के घर पर हैं, बाकी उनके दो करीबियों के घर कार्रवाई कर रहे हैं। राउत के अलावा उनके परिवार से भी पूछताछ की रही है। वहीं, ED दफ्तर पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। संभावना है कि राउत को हिरासत में लेकर यहां लाया जा सकता है। इससे पहले राउत को ईडी ने पूछताछ के लिए 24 जुलाई का समन जारी किया था लेकिन वो ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे।
संजय राउत बोले- मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं
इस बीच संजय राउत ने एक के बाद एक नौ ट्वीट कर कहा, ‘महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी, झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत, मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा, मैं मर भी जाऊं, मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा, मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। हम बाला साहेब के शिष्य हैं किसी से नहीं डरता हूं।’ वहीं ईडी की छापेमारी के बाद शिवसेना कार्यकर्ता संजय राउत के बाहर एकत्र होने लगे हैं।
संजय राउत नहीं कर रहे हैं सहयोग!
संजय राउत ने ईडी को संसद सत्र का हवाला देते हुए 7 अगस्त तक का समय दिया था। आज सुबह जब ईडी की टीम उनके घर पर पहुंची तो संजय राउत घर पर ही मौजूद थे। कहा जा रहा है कि इससे पहले जब भी ईडी ने संजय राउत से पूछताछ की थी तो कहा गया कि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। संजय राउत तीन बार लगातार ईडी का समन खारिज कर चुके हैं। राउत पर 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल घोटाले में शामिल होने का शक है। ईडी इस मामले में दादर और अलीबाग में राउत की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।
संजय राउत से पहले भी कर चुकी है पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय ने अप्रैल में जांच के तहत राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। इससे पहले इसी महीने की 1 तारीख को शिवसेना नेता संजय राउत धनशोधन के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए और 10 घंटे से अधिक समय बाद बाहर निकले थे।