उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर के बेकनगंज में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी के गिरफ्तार होने की खबर है। कानपुर पुलिस की ओर से उन्हें शुक्रवार की रात ही उन्हें गिरफ्तार किए जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि अभी इस मामले में कोई पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। जफर से पहले 36 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी जांच के लिए लखनऊ से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा को भेजा गया है।
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वहीं जफर हयात हाशमी की पत्नी ने दावा किया है कि जफर के सारे नंबर स्विच ऑफ आ रहे हैं। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उधर, जफर हयात की बहन ने कहा कि मेरे भाई को फर्जी फंसाया गया है। वह निर्दोष है। पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जिस प्रकार से कानपुर में हिंसा भड़की, उस मामले में जफर हयात हाशमी को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ चल रही है। जफर हयात हाशमी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को कानपुर में बाजार बंद करने और जेल भरो आंदोलन की अपील की थी। दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जफर हयात हाशमी का नाम सबसे पहले रखा गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद परिवार के लोगों ने दावा किया है कि जफर हयात को फंसाया जा रहा है।
कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी की गिरफ्तारी के मामले को लेकर परिवार के लोगों का कहना है कि वे हमें मिल नहीं रहे हैं। हमने काफी खोजा है। जफर हयात की पत्नी का दावा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए बंद को वापस लिया गया था। जुमे की नमाज के जफर हयात घर वापस आ गए थे। उस दौरान कोई हिंसा की वारदात नहीं हो रही थी। अपराह्न तीन बजे अचानक हिंसा की खबर सामने आई। हयात की पत्नी ने दावा किया कि 14 से 16 साल के बच्चे हाथों में पत्थर लेकर चला रहे थे। ऐसा गुस्सा हमने पहले कभी नहीं देखा था। वह अपने पति की इस हिंसा की वारदात में शामिल नहीं होने का दावा कर रही हैं।
जफर हयात को फंसाए जाने का किया दावा
जफर हयात की बहन ने भी कहा कि उनके भाई ने पहले ही बंद को वापस ले लिया था। इसके बाद भी पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। उन्होंने अपने भाई की गिरफ्तारी के बारे में भी कोई जानकारी पुलिस की ओर से नहीं दिए जाने की बात कही। जफर हयात की बहन कायनात ने कहा कि मेरे भाई को फंसाया जा रहा है। शहर में वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए बंद को वापस लिए जाने के बाद हिंसा कैसे भड़की, इसका पता लगाने में पुलिस-प्रशासन नाकाम रही है। इसलिए मेरे भाई को फंसाया जा रहा है।