नई दिल्ली। अगर आप भी आने वाले त्योहारी सीजन में सस्ता हवाई सफर करने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी है। दरअसल, जेट फ्यूल या एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमत में एक बार फिर से जोरदार इजाफा किया गया है। इसकी की कीमतें 16.3 फीसदी बढ़ा दी गई हैं। गौरतलब है कि यह मार्च 2022 के बाद से सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इसके साथ ही जेट फ्यूल का भाव नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
गौरतलब है कि पिछले छह महीने में हवाई ईंधन के दाम में 91 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस नए बदलाव के बाद राजधानी दिल्ली में एटीएफ की कीमत 1.41 लाख रुपये प्रति किलोलीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बता दें कि इस साल 16 मार्च को एटीएफ में सबसे ज्यादा 18.3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। फिर एक अप्रैल को भी कीमतों में दो फीसदी तेजी आई। इसके अलावा 16 अप्रैल को 0.2 फीसदी और एक मई को 3.22 फीसदी की वृद्धि की गई थी।
बता दें कि लगातार दस वृद्धि के बाद बीते एक जून को विमान ईंधन की कीमतों में मामूली 1.3 फीसदी की कटौती की गई थी। लेकिन, अब फिर इसके दाम में आग लगी है और संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में हवाई सफर और भी महंगा हो सकता है। गौरतलब है कि विमान संचालन में एटीएफ पर होने वाले खर्च की बड़ी हिस्सेदारी होती है, जो 40 फीसदी के करीब है। ऐसे में इसमें इजाफे से यात्री किराए में वृद्धि की संभावना भी बढ़ जाती है। एटीएफ के दाम में बेतहासा वृद्धि के तुरंत बाद स्पाइसजेट के सीएमडी, अजय सिंह ने कहा कि जेट ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि और रुपये के मूल्यह्रास ने घरेलू एयरलाइनों के पास किराए में तुरंत वृद्धि करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और हमारा मानना है कि किराये में न्यूनतम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि की तत्काल आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संचालन की लागत बेहतर बनी रहे।
क्या है तेल की कीमतों में इजाफे की वजह ?
रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। एटीएफ की कीमतों में इजाफे की सबसे बड़ी वजह यही है। स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह बताते हैं, ‘जून 2021 से अब तक एटीएफ की कीमतों में 120% का इजाफा देखने को मिला है। यह भारी वृद्धि टिकाऊ नहीं है। केन्द्र और राज्य सरकारों को एटीएफ पर रखने वाले टैक्स में कटौती करने की जरूरत है।