नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल के गुजरात दौरे के बाद आम आदमी पार्टी ने बड़ा बदलाव किया है। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में संगठन को भंग कर दिया है। आप पार्टी ने प्रदेश प्रमुख गोपाल इटालिया को छोड़कर पूरे संगठन, विंग, मीडिया टीम को भंग किया है। कहा जा रहा है कि आगामी चुनाव की तैयारी के लिए पार्टी ने ये फैसला किया है। अब पार्टी जल्द ही नए संगठन की घोषणा करेगी।
गुजरात के लगातार दौरे कर रहे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं। आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी रणनीति बनाने में लगी है और पार्टी का मानना है कि नया संगठन ही यहां उन्हें जीत दिला सकता है। सोमवार को केजरीवाल ने जो गुजरात दौरा किया था, वह उनकी चैथी यात्रा थी।

3 महीने में खत्म कर दी इन राज्यों की इकाइयां
हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब आप ने चुनाव से पहले इकाई भंग करने का फैसला लिया है। इससे पहले अप्रैल माह में हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी ने इसी तरह का ऐक्शन लिया था। दोनों राज्यों में इस साल के अंत तक चुनाव हो सकते हैं।
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11 अप्रैल, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के प्रभारी सत्येंद्र जैन ने आप की हिमाचल प्रदेश इकाई भंग करने की घोषणा की थी। खास बात है कि उस दौरान पार्टी नेताओं के बड़े स्तर पर दल बदलने का सामना कर रही थी। इस घोषणा से तीन दिन पहले ही आप के प्रदेश प्रमुख रहे अनूप केसरी और संगठन महासचि सतीश ठाकुर और ऊना जिला अध्यक्ष इकबाल सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे। पार्टी ने मंगलवार को सुरजीत ठाकुर को नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया। साथ ही राकेश मंडोतरा को प्रदेश सचिव बनाया गया।
29 अप्रैल, उत्तराखंड
उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के करीब डेढ़ महीने बाद ही पार्टी उत्तराखंड में भी अपनी सभी इकाइयों को भंग कर दिया था। बता दे कि उत्तराखंड में सभी 70 सीटों पर उतरने वाली आप का खाता भी नहीं खुल सका था। इतना ही नहीं 33 उम्मीदवार ऐसे थे, जो 1 हजार वोट भी हासिल नहीं कर सके थे।
27 मार्च, राजस्थान
आप ने राजस्थान में सभी इकाइयों को भंग कर दिया था। उस दौरान नए पार्टी के राजस्थान के नए चुनाव प्रभारी रहे विनय मिश्रा ने प्रदेश कार्यकारिणी समेत सभी इकाइयों के भंग का ऐलान किया था। उन्होंने राज्य में सदस्यता अभियान शुरू करने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि हम लोगों को गांव-गांव, घर-घर जाकर नए लोगों को जोड़ेंगे और राज्य में मजबूत संगठन बनाएंगे।
23 मई, गोवा
आप ने मई में गोवा कार्यसमिति को भंग कर दिया था। खास बात है कि गोवा विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत के साथ ही तटीय राज्य में आप का पदार्पण हो गया था। चुनाव नतीजे घोषित होने के कुछ दिन बाद ही प्रदेश संयोजक राहुल म्हाम्ब्रे ने निजी कारणों का हवाला देकर पार्टी छोड़ दी थी।